📘 Emergency Fund क्यों ज़रूरी है? – आपकी फाइनेंशियल सुरक्षा की पहली सीढ़ी
🔰 प्रस्तावना:
सोचिए कि आप की नौकरी चली जाए या अचानक कोई मेडिकल इमरजेंसी आ जाए — क्या आप इसके लिए तैयार हैं?
बहुत से लोग निवेश की दौड़ में भागते हैं लेकिन फाइनेंशियल सुरक्षा की नींव यानी “Emergency Fund” को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
MarketCharcha.com आज आपको बताएगा कि Emergency Fund आपके फाइनेंशियल जीवन का सबसे अहम हिस्सा क्यों है।
🧭 Emergency Fund क्या है?
Emergency Fund एक ऐसा सुरक्षित जमा होता है जो सिर्फ आपातकालीन परिस्थितियों में इस्तेमाल किया जाता है – जैसे:
- नौकरी चली जाना
- मेडिकल इमरजेंसी
- अचानक कोई बड़ा खर्च (घर/गाड़ी की मरम्मत आदि)
🧠 BrainBox – Emergency Fund की गणना:
- ✅ आदर्श Emergency Fund = 6 से 9 महीने की ज़रूरी खर्चों के बराबर
- ✅ उदाहरण: अगर हर महीने ₹25,000 का खर्च है → कम से कम ₹1.5 लाख Emergency Fund रखें
📊 DataCard – तुलना समझें:
ज़रूरत | Emergency Fund | Loan | Credit Card |
---|---|---|---|
ब्याज दर | 0% | 10–18% | 30–40% |
Repayment Pressure | ❌ नहीं | ✅ हाँ | ✅ हाँ |
Mental Peace | ✅ हाँ | ❌ नहीं | ❌ नहीं |
💰 Emergency Fund कहाँ रखें?
- Savings Account – तुरंत निकासी संभव
- Liquid Mutual Fund – ज़्यादा रिटर्न + 24 घंटे में निकासी
- Flexi FD – FD का फायदा + Liquidity
🔍 रीयल-लाइफ यूज़र क्वेश्चन:
प्रश्न: क्या मुझे पहले SIP शुरू करनी चाहिए या Emergency Fund बनाना चाहिए?
उत्तर (MarketCharcha.com): सबसे पहले Emergency Fund बनाना चाहिए। यह आपकी SIP को भी सुरक्षित रखेगा।
💡 क्या आप जानते हैं?
💡 भारत में 60% लोगों के पास 1 महीने का भी Emergency Fund नहीं होता — Source: RBI Data
🧪 MarketCharcha Research Stats:
MarketCharcha.com के सर्वे में 72% लोगों ने माना कि कोविड जैसी परिस्थितियों ने Emergency Fund की ज़रूरत को बख़ूबी साबित किया।
🎯 Audience Specific Advice:
- Students: ₹10,000 तक की राशि Mini Emergency Fund में रखें
- Salaried: 6 महीने की Salary के बराबर
- Freelancers: 9 से 12 महीने का खर्च कवर करें
📈 Quick Trend Buzz:
- 2025 में Liquid Fund में निवेश 28% बढ़ा, क्योंकि लोग Emergency Ready हो रहे हैं
- Mutual Funds ने Emergency Fund के लिए विशेष प्लान लॉन्च किए
🗣 MarketCharcha View™:
“Emergency Fund बनाना निवेश की शुरुआत नहीं, बल्कि सुरक्षा की शुरुआत है। अगर यह नहीं है, तो हर निवेश असुरक्षित है।”